मंगलवार, 14 मार्च 2017

समकालीन लघुकथा : विविध आयाम-8 / बलराम अग्रवाल



ूसरेध्याय आठवीं यानी समापन किस्त दिनांक 05-03-2017 से आगे 

सन् 2000 के बाद लघुकथा लेखन में 100 से अधिक कथाकारों के नाम सामने आ चुके हैं जिनमें अंकिता कुलश्रेष्ठ, अंतरा करवड़े, अर्चना तिवारी,  अर्चना त्रिपाठी, अलका महेश्वरी,  अनिता ललित,  अनिता मंडा, अमित कुमार मल्ल, आरती स्मित, आशा पाण्डे, उषा अग्रवाल ‘पारस’, उषा छाबड़ा, उर्मिला अग्रवाल,  उपमा शर्मा, ॠता शेखर, कंचन अपराजिता, कमल कपूर,  कपिल शास्त्री,   कान्ता राय,   कुणाल शर्मा, कुमार, कुसुम, कमला निखुर्पा,   कृष्णा वर्मा,   खेमकरण ‘सोमन’, गजेन्द्र रावत, चन्द्रेश कुमार छतलानी,  जानकी विष्ट वाही, ज्योत्स्ना सिंह/ज्योत्सना कपिल, त्रिलोक सिंह ठकुरेला,   दिनेश पारीक, देवराज संजू, देवेन्द्र गो. होलकर, नरेन्द्र कुमार गौड़,   नीरज शर्मा/नीरज सुधांशु, नीलिमा शर्मा, नीना अन्दोत्रा पठानिया, नेहा अग्रवाल ‘नि;शब्द’,  निरुपमा कपूर,  पवन जैन, पवन चौहान, पवित्रा अग्रवाल,  प्रियंका गुप्ता,   पूनम डोगरा,  पूनम आनन्द, पूर्णिमा शर्मा, पूरन सिंह,   पीयूष द्विवेदी ‘भारत’,  प्रतिभा श्रीवास्तव,  प्रेरणा गुप्ता, भारती वर्मा बौड़ाई, भावना सक्सेना,  मनोज सेवलकर, मणि बेन द्विवेदी,  मंजु मिश्रा,  मंजु शर्मा, मंजुश्री गुप्ता, मंजीत कौर ‘मीत’, मीना पाण्डे,   मुन्नूलाल,  मधु जैन, रचना श्रीवास्तव,     राधेश्याम भारतीय,   रामनिवास बाँयला, राजेन्द्र वामन काटदरे,  राहुल कुमार दोषी, रेखा रोहतगी, रेखा श्रीवास्तव, रेणुका चितकारा, रेवा अग्रवाल,  राशि पाधा,  रोहित शर्मा, रीता गुप्ता,  लता अग्रवाल, लक्ष्मीनारायण अग्रवाल, ललित कुमार मिश्र, वसुन्धरा, विभा रानी श्रीवास्तव, विरेन्द्र वीर मेहता, विनीता राहुरीकर, शोभना श्याम, शेफाली पाण्डेय,  शील कौशिक,  सत्या शर्मा,  सुधा भार्गव,   सुधीर द्विवेदी,   सविता गुप्ता, सविता मिश्रा, सीमा जैन,   सीमा सिंह, सीमा स्मृति, संध्या तिवारी,   संदीप तोमर,    संयोगिता शर्मा, सीमा स्मृति,   सुधा ओम् ढींगरा,   सपना मांगलिक,   सुधा गुप्ता,     सुमन, सुषमा गुप्ता, सुमन कुमार घई,   सुनीता त्यागी, सुरेन्द्र कुमार पटेल, सुमित प्रताप सिंह, हरदीप कौर सन्धु, हेमधर शर्मा का नाम आसानी से लिया जा सकता है। 
अब तक विशेषतः ‘पड़ाव और पड़ताल’ शृंखला के 25 खण्डों में शामिल लघुकथाओं पर जिन विचारकों ने आलोचनात्मक कलम चलाई है अथवा जिन आलोचकों के महत्वपूर्ण आलेख उक्त श्रृंखला में उद्धृत किये जा चुके हैं,   उनके नाम का ससम्मान उल्लेख भी यहाँ आवश्यक है। वे हैंअनीता ललित,   डॉ. अनीता राकेश,   डॉ. अमरनाथ चौधरी ‘अब्ज’,   डॉ. अशोक लव,   डॉ. अशोक भाटिया,   अरुण अभिषेक,   डॉ. इसपाक अली,  डॉ. उमेश महादोषी,    ओमप्रकाश कश्यप,   डॉ. ओम प्रकाश ‘करुणेश’,   डॉ. कमल चोपड़ा,   कृष्णानन्द कृष्ण,   कृष्ण कमलेश,   डॉ. कमलकिशोर गोयनका, खेमकरण ‘सोमन’,     डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा,   जगदीश कश्यप,   आचार्य जगदीश पाण्डेय,     डॉ. ज्योत्स्ना शर्मा,   डॉ. जितेन्द्र ‘जीतू’,  त्रिलोकसिंह ठकुरेला,  डॉ. ध्रुवकुमार,   डॉ. ब्रह्मवेद शर्मा,   डॉ. बलवेन्द्र सिंह,   प्रो. बी.एल. आच्छा,   डॉ. बलराम अग्रवाल,   डॉ. भारतेन्दु मिश्र,  भगीरथ,  महेन्द्र सिंह ‘महलान’,   महेश दर्पण,   डॉ. मलय पानेरी,   डॉ. मिथिलेश कुमारी मिश्र,   प्रो. मृत्युंजय उपाध्याय,   माधव नागदा,   निशान्तर,   प्रो. फूलचन्द मानव,   प्रियंका गुप्ता,   डॉ. पुष्पा जमुआर,   पुष्पलता कश्यप,   पवन शर्मा,   डॉ. पुरुषोत्तम दुबे,   प्रतापसिंह सोढ़ी,   डॉ. योगेन्द्रनाथ शुक्ल,  प्रो. रामसजन पाण्डेय,   प्रो. ऋषभदेव शर्मा,   डॉ. रश्मि,   रत्नकुमार साँभरिया,   रमेश खत्री,   रमेश बतरा,   राजेन्द्र मोहन त्रिवेदी ‘बन्धु’,   रामकुमार आत्रेय,   रामयतन यादव,   रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’,   डॉ. राकेश कुमार,   डॉ. राजेन्द्र टोकी,   प्रो. रूप देवगुण,   डॉ. वीरेन्द्र कुमार भारद्वाज,   डॉ. व्यासमणि त्रिपाठी,   विनय विश्वास, डॉ. शंकर प्रसाद,   डॉ. शिवनारायण,   श्यामसुन्दर अग्रवाल,   डॉ. श्यामसुन्दर दीप्ति,   डॉ. शशि निगम,   डॉ. शकुन्तला ‘किरण’,   प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा,  डॉ. शील कौशिक,    डॉ. सत्यवीर ‘मानव’,   डॉ. स्नेहलता श्रीवास्तव,   डॉ. स्नेह सुधा नवल,   डॉ. सुधा उपाध्याय,   डॉ. सतीश दुबे,   डॉ.  सुलेखचन्द्र शर्मा,   डॉ. सुभाष रस्तोगी,   प्रो. सुरेशचन्द्र गुप्त,   डॉ. स्वर्ण किरण,   सुकेश साहनी,   सुरेश यादव,   सुभाष नीरव,   सुभाष चन्दर,  सतीश राठी,   सूर्यकान्त नागर,   डॉ. सतीशराज पुष्करणा,     डॉ. हरीश नवल,   डॉ. हरनाम शर्मा,   हरदान हर्ष,   डॉ. हरीश अरोड़ा (नोट : इस सूची में कुछ वे नाम भी जोड़े हैं जो पुस्तक में नहीं जा पाए थे)
इस प्रकार हम पाते हैं कि ‘समकालीन हिन्दी लघुकथा’ में रचनात्मक एवं आलोचनात्मक दोनों ही कार्य आन्दोलन के स्तर पर सम्पन्न हुए हैं। सन् 1971 के उपरान्त हिन्दी की कोई भी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिका ऐसी नहीं बची जिसने ‘लघुकथा’ को प्रकाशित करना प्रारम्भ न कर दिया हो; यही नहीं,   हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं से प्रेरित होकर अन्य भारतीय भाषाओं में भी लघुकथा-लेखन का श्रीगणेश उनके कथाकारों ने किया। ‘श्रेष्ठ पंजाबी लघुकथाएँ’ (1996),   मलयालम की चर्चित लघुकथाएँ’ (1997),   पंजाब की चर्चित लघुकथाएँ’ (2004),   तेलुगु की मानक लघुकथाएँ’ (2010),    पड़ाव और पड़ताल खण्ड-12’(2014,   हिन्दीतर भाषाओं की लघुकथाओं का संकलन),   हरियाणा से लघुकथाएँ ’(2015),   पंजाब से लघुकथाएँ’ (2016) आदि तो इसकी जनप्रियता के उदाहरण हैं ही,   समकालीन हिन्दी लघुकथा’ के उद्भव और विकास की सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक परिस्थितियों के आकलन पर सन् 2003 में ‘द लघुकथा’ शीर्षक से जर्मनी की सुश्री इरा शर्मा वेलेरिया की अंग्रेजी पुस्तक केम्ब्रिज विश्वविद्यालय,   लन्दन तथा बर्लिन के प्रकाशन संस्थान ‘वॉल्तर द ग्रूते’ (Walter de Gruyter) से प्रकाशित हुई है। वर्ष 2014-15 में विश्व हिन्दी सचिवालय,   मॉरीशस द्वारा ‘अन्तर्राष्ट्रीय लघुकथा प्रतियोगिता’ आयोजित की गई जिसमें भौगोलिक क्षेत्र अफ्रीका व मध्यपूर्व से प्राप्त लेखकों की 5 लघुकथाएँ,   भौगोलिक क्षेत्र अमेरिका से प्राप्त लेखकों की 3 लघुकथाएँ,   भौगोलिक क्षेत्र एशिया व ऑस्ट्रेलिया (भारत के अतिरिक्त) से प्राप्त लेखकों की 4 लघुकथाएँ,   भौगोलिक क्षेत्र यूरोप से प्राप्त लेखकों की 3 लघुकथाएँ तथा भौगोलिक क्षेत्र भारत से प्राप्त लेखकों की 2 लघुकथाएँ,   पुरस्कृत घोषित की गई थीं। ये सभी लघुकथाएँ ‘पड़ाव और पड़ताल खण्ड-15’ में सम्मिलित हैं।
इसे हम समकालीन हिन्दी लघुकथा की विश्वव्याप्ति मान सकते हैं।

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हिन्दी लघुकथा का मनोविज्ञान, लेखक : बलराम अग्रवाल, प्रकाशक : राही प्रकाशन, एल-45, गली नं॰ 5, करतार नगर, दिल्ली-53

रविवार, 5 मार्च 2017

समकालीन लघुकथा : विविध आयाम-7 / बलराम अग्रवाल



सातवीं किस्त दिनांक 26-02-2017 से आगे… 

प्रमुख समकालीन लघुकथा लेखक: सामान्य परिचय-3

बलराम अग्रवाल
बलराम अग्रवाल 26 नवम्बर,   1952 को उत्तर प्रदेश के जिला बुलन्दशहर में जन्म। समकालीन लघुकथा लेखन के क्षेत्र में 1972 से सक्रिय। अन्य विधाओं में भी लेखन। लघुकथा की पत्रिका ‘मिनीयुग’ के प्रवेशांक से ही उसके संपादन से संबद्धता। ‘जनगाथा’ (रजिस्ट्रेशन के उपरान्त ‘वर्तमान जनगाथा’) का 1993 से 1996 तक संपादन-प्रकाशन। लघुकथा संग्रह ‘सरसों के फूल’ (1994),   जुबैदा’ (2004),   पीले पंखों वाली तितलियाँ’ (2014);   कहानी-लघुकथा संग्रह ‘चन्ना चरनदास’ (2004),   कहानी संग्रह ‘खुले पंजों वाली चील’(2015)
प्रबोध कुमार गोविल
प्रबोध कुमार गोविल11 जुलाई 1953 को उत्तर प्रदेश के जिला अलीगढ़ में जन्म।  समकालीन लघुकथा की पहली पीढ़ी के सम्मान्य हस्ताक्षर। सात उपन्यास,   तीन कहानी-संग्रह,   तीन कविता-संग्रह,   दो नाटक,   दो निबन्ध-संग्रह,   एक बाल साहित्य की पुस्तक,   एक संस्मरण की पुस्तक तथा लघुकथा-संग्रह ‘मेरी सौ लघुकथाएँ’ प्रकाशित। विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित, उपन्यास एवं कहानियाँ अन्य भाषाओं में अनूदित।
जसवीर चावलासितंबर 1953 में उत्तर प्रदेश के जिला इटावा में जन्मे जसवीर चावला के ‘नीचे वाली चिटखनी’ व ‘सच के सिवा’ तथा अन्य लघुकथा संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। हिन्दी के सभी स्तरीय पत्र-पत्रिकाओं में लघुकथाएँ लगातार प्रकाशित। व्यवसाय से अभियंता रहे।

सुभाष नीरव
सुभाष नीरव27 दिसम्बर,   1953 को मुरादनगर,   जिला गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में। दैत्य तथा अन्य कहानियाँ,   औरत होने का गुनाह,   आखिरी पड़ाव का दुःख (कहानी-संग्रह),   यत्किंचित व रोशनी की लकीर (कविता-संग्रह),   कथाबिन्दु व सफर में आदमी (लघुकथा-संग्रह),   मेहनत की रोटी व सुनो कहानी  राजा (बाल कहानी-संग्रह),   काला दौर व पंजाबी की चर्चित लघुकथाएँ (सम्पादन व अनुवाद)। पंजाबी से हिन्दी में वृहद् अनुवाद-कार्य। 500 से अधिक कहानियों और 200 से ऊपर लघुकथाओं का हिन्दी में अनुवाद। इसके अतिरिक्त पंजाबी की दो दर्जन से अधिक पुस्तकों का हिन्दी में अनुवाद; इनमें से सात का प्रकाशन राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (नेशनल बुक ट्रस्ट,   इंडिया) से। सुभाष नीरव की लघुकथाएँ सामाजिक सरोकारों की गहन पैरवी करती हैं।
श्याम सुन्दर दीप्ति
श्याम सुन्दर दीप्तिपंजाबी व हिन्दी भाषा में सक्रिय वरिष्ठ लघुकथा-लेखक। 30 अप्रैल,   1954 को अबोहर (पंजाब) में जन्म। मैं और तुम,   सिर्फ एक दिन,   पाँचवें पहर की ओर (सभी हिन्दी कविता-संग्रह),   गैर हाजिर रिश्ता (हिन्दी लघुकथा संग्रह),   पंजाबी के तीन लघुकथा-संग्रह,   स्वास्थ्य विज्ञान पर तीन पुस्तकें,   लघुकथा की पाँच पुस्तकें सम्पादित। पिछले पच्चीस वर्षों से पंजाबी पत्रिका ‘मिन्नी त्रौमासिक’ का श्यामसुन्दर अग्रवाल के साथ सम्पादन-प्रकाशन तथा सन् 1992 से अनेक लघुकथा समागमों का संयोजन।

मालती (महावर) बसंत
मालती (महावर) बसंतवरिष्ठ लघुकथा-लेखिका। 14 जुलाई 1954 को जन्म। उनका मानना है कि ‘लघुकथा सामाजिक,   आर्थिक और राजनीतिक विसंगतियों को उजागर करने का एक सशक्त माध्यम है। बहुत सारी बातें हैं जो सिर्फ लघुकथा के माध्यम से ही की जा सकती हैं...।’ लघुकथा-संग्रह ‘अतीत का प्रश्न’ व कहानी-संग्रह ‘सुनो पालनहार’ प्रकाशित।
अंजना अनिल4 जनवरी,   1955 को मोदीनगर (उत्तर प्रदेश) में जन्म। एकल    लघुकथा-संग्रह साक्षात्कार  के अतिरिक्त लघुकथा-संकलन संघर्ष, मन्थन,  राजस्थान
का लघुकथा-संसार,   राजस्थान की महिला लघुकथाकार,   इमारत का सम्पादन। देश की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का नियमित प्रकाशन। विभिन्न रचनाएँ अन्य भाषाओं में अनूदित-प्रकाशित।   रूसी लेखक सीलो की कृति ‘टेन लैटर्स टु माई फ्रेण्ड्स’ का हिन्दी में अनुवाद,   वेणु गोपाल कृष्णन के तीन कविता-संग्रहों का अंग्रेजी में अनुवाद। 10 वर्षों तक ‘अलवर विचार टाइम्स’ का सम्पादन। विभिन्न सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित/पुरस्कृत।
अशोक भाटिया
अशोक भाटियाजन्म 5 जनवरी 1955 को अम्बाला छावनी में।  समुद्र का संसार,   हरियाणा से जान-पहचान (बाल साहित्य),   जंगल में आदमी,   अँधेरे में आँख (लघुकथा-संग्रह)  तथा नवागत (कविता-संकलन),   श्रेष्ठ पंजाबी लघुकथाएँ,   चेतना के पंख,   पैंसठ हिन्दी लघुकथाएँ,   निर्वाचित लघुकथाएँ,   विश्व साहित्य से कथाएँ,   पंजाब से लघुकथाएँ,   हरियाणा से लघुकथाएँ (लघुकथा-संकलन)। आलोचना की पुस्तकेंसमकालीन हिन्दी समीक्षा,   समकालीन हिन्दी कहानी का इतिहास,   समकालीन हिन्दी लघुकथा। लघुकथा-लेखन हेतु अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित। ‘समुद्र का संसार’ पर हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा प्रथम पुरस्कार,   लघुकथा पर अ.भा. माता शरबती देवी सम्मान,   अन्तर्राष्ट्रीय लघुकथा गौरव सम्मान,   लघुकथा आलोचना शिखर सम्मान (पटना),   विशिष्ट हिन्दी सेवी सम्मान,   पूर्वाेत्तर हिन्दी अकादमी सम्मान,   बलदेव कौशिक स्मृति सम्मान।
चैतन्य त्रिवेदी
चैतन्य त्रिवेदीनई दिल्ली के प्रतिष्ठित प्रकाशन गृह ‘किताबघर’ द्वारा स्थापित ‘आर्य स्मृति साहित्य सम्मान’ के अन्तर्गत सन् 2000 में पुरस्कृत लघुकथा-संग्रह ‘उल्लास’ के माध्यम से समकालीन लघुकथा जगत में धमाकेदार उपस्थिति दर्ज कराने वाले 17 फरवरी,   1955 को मध्य प्रदेश के बड़ानगर,   जिला उज्जैन में जन्मे चैतन्य से इस विधा को असीम आशाएँ हैं। ‘उल्लास’ में प्रकाशित उनकी अनेक लघुकथाएँ उल्लेखनीय हैं। ‘उल्लास’ से इतर अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित उनकी लघुकथाएँ ग्राह्यता का वह स्तर नहीं छू सकीं जिसकी उनसे अपेक्षा थी। समुद्र ने भी सुना (काव्य-संग्रह) प्रकाशित।

कमल चोपड़ा21 सितम्बर,   1955 को लुधियाना (पंजाब) में जन्म। लघुकथाकारों में अग्रपंक्ति में अपना स्थान बना चुके हैं। इन्होंने साहित्य की लगभग सभी विधाओं में लेखन किया है,   किन्तु आठवें दशक से लघुकथाओं पर विशेष कलम चलाई है। अभिप्राय,   फंगस,   अन्यथा (लघुकथा-संग्रह),   अतिक्रमण (कहानी-संग्रह) प्रकाशित। हालात,   प्रतिवाद,   अपवाद,   आयुध,   अपरोक्ष (लघुकथा-संकलन)। सन् 2008 से लघुकथा वार्षिकी ‘संरचना’ का सम्पादन/प्रकाशन।
रत्नकुमार सांभरिया6 जनवरी,   1956 को भाड़ावास,   जिला रेवाड़ी (हरियाणा) में जन्म। बाँग और अन्य लघुकथाएँ,   प्रतिनिधि लघुकथा शतक (लघुकथा-संग्रह),   हुकम
रत्नकुमार सांभरिया
की दुग्गी
,   काल तथा अन्य कहानियाँ,   खेत तथा अन्य कहानियाँ,   दलित समाज  की कहानियाँ,   एयरगन का घोड़ा (कहानी-संग्रह),   एकांकी-संग्रह,   नाटक तथा आलोचना की एक-एक पुस्तक प्रकाशित। अनेक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत/सम्मानित।
सतीश राठी
सतीश राठी23 फरवरी,   1956 को मध्य प्रदेश के इन्दौर में जन्म। शब्द साक्षी हैं (लघुकथा-संग्रह),   पिघलती आँखों का सच (कविता-संग्रह),   तीसरा क्षितिज,   मनोबल,   समक्ष (सम्पादित लघुकथा-संकलन),   जरिए-नजरिए (सम्पादित व्यंग्य-संकलन),   पत्ते और नये पत्ते (सम्पादित कविता संकलन); देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन। अनियतकालीन लघुकथा-पत्रिका ‘क्षितिज’ का सम्पादन,   लघुकथाएँ मराठी,   कन्नड़,   पंजाबी और गुजराती में तथा निबन्ध अंग्रेजी,   मराठी एवं बांग्ला भाषा में अनूदित।  ‘शब्द साक्षी हैं’ लघुकथा-संग्रह के लिए 2008 में ‘ईश्वर-पार्वती स्मृति सम्मान’ तथा लघुकथा में सम्पूर्ण योगदान के लिए 2012 में ‘माता शरबती देवी स्मृति सम्मान’।
सुकेश साहनी
सुकेश साहनीसुकेश साहनी समकालीन हिन्दी लघुकथा के चर्चित एवं सक्रिय हस्ताक्षरों में एक हैं। इनका जन्म 15 सितंबर 1956 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ। एकल लघुकथा संग्रह ‘डरे हुए लोग’ तथा ‘ठंडी रजाई’ के अलावा अनेक महत्वपूर्ण संकलनों का संपादन। कहानी-संग्रह ‘मैग्मा और अन्य कहानियाँ’; बालकथा-संग्रह ‘अक्ल बड़ी या भैंस’। खलील जिब्रान की लघुकथाएँ,   पागल व अन्य लघुकथाएँ,   विश्वप्रसिद्ध लेखकों की चर्चित कहानियाँ  का हिन्दी में अनुवाद कर चुके हैं। लघुकथा-संकलन ‘महानगर की लघुकथाएँ’,   स्त्राी-पुरुष सम्बन्धों की लघुकथाएँ’,  देह व्यापार की लघुकथाएँ’,   बीसवीं सदी: प्रतिनिधि लघुकथाएँ’,   समकालीन भारतीय लघुकथाएँ’,   बाल मनोवैज्ञानिक लघुकथाएँ’,   आयोजन’ का संपादन। रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’ के साथ ‘लघुकथा डॉट कॉम’ जैसी बहुचर्चित वेबसाइट का संपादन कर रहे हैं। ‘डरे हुए लोग’ का अंग्रेजी व अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित। कहानी ‘रोशनी’ पर दूरदर्शन के लिए टेलीफिल्म,   अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित व पुरस्कृत। अनेक रचनाएँ भारतीय भाषाओं व जर्मन भाषा में अनूदित। अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित।
पवन शर्मा
पवन शर्मा30 जून 1961 को मध्य प्रदेश के जुन्नारदेव में जन्म। पवन शर्मा ने समकालीन हिन्दी लघुकथा के उन्नयन में सकारात्मक भूमिका निभाई है। ‘अपने-अपने दायरे’ (1990) तथा ‘जंग लगी कीलें’ (1996) इनके प्रकाशित लघुकथा-संग्रह हैं।  ‘जंग लगी कीलें’ में 45 लघुकथाएँ हैं। इस संग्रह के कुछ कथ्य घर-परिवार से बाहर निकलने में सफल हुए हैं। साहब! (कहानी-संग्रह),   कथ्यरूप (अंक-23) के साथ ‘किसी भी वारदात के बाद’ काव्य-पुस्तिका का प्रकाशन। ‘अपने-अपने दायरे’ पर मध्य प्रदेश आंचलिक साहित्यकार परिषद्,   जबलपुर द्वारा पुरस्कार एवं भारतीय साहित्य संगम,   दिल्ली द्वारा ‘सविता पुरस्कार’ से सम्मानित। ‘जंग लगी कीलें’ पर करवट कला परिषद्,  भोपाल द्वारा रत्नभारती पुरस्कार तथा अखिल भारतीय प्रगतिशील लघुकथा मंच,  पटना द्वारा सम्मानित।
रामयतन यादव
रामयतन यादव29 अप्रैल 1965 को बिहार के ग्राम रहोई जिला नालन्दा़ में जन्म। परिवेश का अतिक्रमण,   हवा का रुख (लघुकथा-संग्रह),   बाँझ होते एहसास (कहानी-संग्रह),   गुजरते लम्हों का दर्द,   हिन्दी की जनवादी लघुकथाएँ,   हिन्दी की चर्चित लघुकथाएँ,   बदनाम लघुकथाएँ (सम्पादित लघुकथा-संकलन),   अक्षर-अक्षर दोहा (सम्पादित दोहा-संकलन),   ठहरा हुआ पानी (डॉ. राजेन्द्र साहिल की कहानियों का सम्पादित संकलन)। लघुकथाएँ एवं कहानियाँ विभिन्न भाषाओं में अनूदित तथा प्रकाशित। राजभाषा विभाग (बिहार सरकार) द्वारा ‘लघुकथा पुरस्कार’ के अलावा अनेक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत व सम्मानित। सम्प्रतिःअध्यापन,   अध्यक्ष,   जन साहित्य परिषद्,   फतुहा।
शोभा रस्तोगी
शोभा रस्तोगी1 फरवरी 1967 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जन्म। विवाहोपरांत दिल्ली में प्रवास। लघुकथा-संग्रह ‘दिन अपने लिए’ प्रकाशित। हंस,   कथादेश,   कादम्बिनी,   संरचना,   समाज कल्याण,   पुष्पगन्धा,   सनद,   अविराम साहित्यिकी,   हिन्दी चेतना,   विश्वा इत्यादि पत्रिकाओं में लघुकथा,   कविता,   कहानी,   लेख व समीक्षाएँ निरन्तर प्रकाशित,   आकाशवाणी से रचनाओं का प्रसारण,   विभिन्न राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर रचना-पाठ।  विभिन्न संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत/सम्मानित।
सन्तोष सुपेकर
सन्तोष सुपेकर29 जून 1967 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में जन्म। लघुकथा-संग्रह ‘साथ चलते हुए’,   बन्द आँखों का समाज’,   भ्रम के बाजार में’ तथा ‘हाशिए का आदमी’।  ‘चेहरों के आर-पार’ तथा ‘यथार्थ के यक्ष प्रश्न’ काव्य-संग्रह। लघुकथा फोल्डर ‘शब्द सफर के साथी’ का सम्पादन।  रेल मन्त्रालय द्वारा ‘बन्द आँखों का समाज’ पर ‘प्रेमचन्द कथा सम्मान’,   अम्बिकाप्रसाद ‘दिव्य’ रजत अलंकरण’ तथा विभिन्न पत्रा-पत्रिकाओं व संस्थाओं द्वारा सम्मानित व पुरस्कृत,   लघुकथाएँ मराठी व पंजाबी में अनूदित व प्रकाशित विभिन्न संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत/सम्मानित।
दीपक मशाल
दीपक मशाल24 सितम्बर,   1980 को     कोंच (जालौन,   उत्तर प्रदेश) । लघुकथा,  कविता,   कहानी तथा व्यंग्य आदि विधाओं में लेखन। ‘ब्रेवहार्ट्स आॅफ इण्डिया’ पुस्तक का हिन्दी में अनुवाद। कविता-संग्रह ‘अनुभूतियाँ’ के अतिरिक्त
भारत की प्रमुख पत्रा-पत्रिकाओं तथा नेट पत्रिकाओं में रचनाएँ निरन्तर प्रकाशित।
2012 में अक्षरम्,   प्रवासी दुनिया द्वारा ‘युवा प्रवासी रचनाकार सम्मान’,   हिन्द युग्म द्वारा यूनिकवि पुरस्कार। लघुकथा संग्रह ‘खिड़कियों से…’ 2017 में प्रकाशित।
इनके अतिरिक्त  रूपसिंह चन्देल,   हीरालाल नागर,   सुरेश शर्मा,  विभा रश्मि,   आभा सिंह, पुष्पलता कश्यप,   निशा व्यास,    एन. उन्नी,   चित्रेश,   तारिक असलम ‘तस्नीम’,  कालीचरण प्रेमी,   विपिन जैन,   योगेन्द्रनाथ शुक्ल,   विकेश निझावन,   महेन्द्र सिंह महलान,   गंभीर सिंह पालनी,   भगवती प्रसाद द्विवेदी,   महेश दर्पण,  हीरालाल नागर, रश्मि बड़थ्वाल,   यादवेन्द्र शर्मा ‘चन्द्र’,   साबिर हुसैन,   हसन जमाल,   मुइनुद्दीन अतहर,   संजीव,   ज्ञानप्रकाश विवेक,   ओमप्रकाश कश्यप,   अशोक वर्मा आदि अनेक महत्वपूर्ण नाम ऐसे हैं जिन्होंने हिन्दी लघुकथा को अपनी रचनात्मक व आलोचनात्मक ऊर्जा प्रदान कर निरन्तर सँवारा है।
शेष आगामी अंक में…




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हिन्दी लघुकथा का मनोविज्ञान, लेखक : बलराम अग्रवाल, प्रकाशक : राही प्रकाशन, एल-45, गली नं॰ 5, करतार नगर, दिल्ली-53