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किस्त दिनांक 11-02-2017 से
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प्रमुख
समकालीन लघुकथा लेखक: सामान्य परिचय-2
पारस दासोत—14 अगस्त, 1945 को बडु (राजस्थान) में जन्म। एक और
अभिमन्यु,
प्रयोग, परसु, कदम बढ़ाती चूड़ियाँ,
समक्ष, पुस्तक की आवाज, ईश्वर, तेरी मेरी उसकी बात सहित अब तक 18 एकल लघुकथा-संग्रह। लघुकथा-संग्रह
‘सीटीवाला रबर का गुड्डा’ का पाकिस्तान
में उर्दू अनुवाद प्रकाशित, लघुकथाओं पर छात्र-छात्राओं द्वारा
पीएच.डी. तथा एम.फिल. हेतु शोध, चित्राकला एवं मूर्तिकला में
रुचि। देहावसान : 13 सितम्बर, 2014 को जयपुर में।
प्रताप सिंह सोढी—16 मार्च 1946 को मध्य पदेश के जिला इन्दौर में जन्म। शब्द संवाद (लघुकथा-संग्रह),
कुछ लघुकथा-संकलनों का सम्पादन,
देश की प्रतिष्ठित पत्रा-पत्रिकाओं में
कहानियाँ, व्यंग्य, गजल, संस्मरण, आलेख व समीक्षाओं का निरन्तर प्रकाशन। लगभग सभी लघुकथा-संकलनों में
लघुकथाएँ संकलित। लघुकथाओं का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद। अनेक उर्दू तथा पंजाबी
लघुकथाओं का हिन्दी में अनुवाद। सारस्वत
सम्मान, हिन्दी साहित्य सेवी पुरस्कार।
असगर वजाहत—04 जुलाई 1946 को उत्तर पदेश के जिला फतेहपुर में जन्मे असगर वजाहत के अब तक पाँच
उपन्यास, छह नाटक, पाँच कथा-संग्रह, एक नुक्कड़-नाटक संग्रह और एक आलोचनात्मक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी
हैं। कथा-संग्रह, ‘दिल्ली पहुँचना है’ में 16 लघुकथाएँ संकलित हैं— कुत्ते, शेर, डंडा, ज-1, मंत्रालय,
तिल, शब्द, वीरता, पहचान, चार हाथ, कातिक, ऊपर का आसमान,
मूल्यवान,
साझा, ज-3, ज-4।1 कथा-संग्रह ‘मैं हिन्दू हूँ’ तथा
‘मुश्किल काम’ में अनेक लघुकथाएँ संगृहीत हैं। ‘संप्रति जामिया मिलिया इस्लामिया
विश्वविद्यालय, नई दिल्ली’ में हिन्दी के विभाग में
प्रोफेसर तथा वहीं पर ए.जे.किदवई मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेन्टर के कार्यकारी
निदेशक हैं।’
सतीशराज पुष्करणा— 06 अक्टूबर 1946 को लाहौर में जन्म। निजी व्यवसाय।
साहित्य की लगभग सभी विधाओं में लेखन व संपादन दोनों। ‘दिशा’,
‘ललकार’, ‘व्योम’, ‘काशें’ आदि कितनी ही अनियतकालीन
पत्रिकाओं का संपादन। अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा मानद उपाधियों से सम्मानित। सन्
1988 से हर साल पटना में अन्तर्राज्यीय
प्रगतिशील लघुकथा लेखक सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं। समकालीन हिन्दी लघुकथा के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर।
अशोक लव—13 अप्रैल, 1947 को दिल्ली में। ‘शिखरों से
आगे’ (उपन्यास), ‘लड़कियाँ छूना चाहती हैं आसमान’
(कविता-संग्रह), ‘सलाम दिल्ली’ (लघुकथा- संग्रह),
‘बन्द दरवाजों पर दस्तकें’,
‘खिड़कियों पर टँगे लोग’ (सम्पादित लघुकथा-संकलन), ‘पत्थरों से बँधे पंख’ (कहानी-संग्रह), ‘हिन्दी के प्रतिनिधि साहित्यकारों से साक्षात्कार’ (साक्षात्कार) के
अतिरिक्त सौ से अधिक साहित्यिक/ शैक्षिक/ सम्पादित पुस्तकें प्रकाशित। अनेक सम्मान
प्राप्त।
अशोक गुजराती—26 जुलाई, 1947 को अकोट, जिला अकोला (महाराष्ट्र) में जन्म। बाबा आमटे की औपन्यासिक जीवनी
‘खुशबू का अहसास’ के अतिरिक्त एक कहानी-संग्रह, दो लघुकथा-संग्रह, दो व्यंग्य-संग्रह, दो आलेख-संग्रह, आठ बाल एवं किशोर साहित्य की पुस्तकें तथा ओ. हेनरी की कहानियों के
अनुवाद की एक पुस्तक प्रकाशित। केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय,
भारत सरकार; महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य
अकादमी, मुम्बई सहित कई संस्थाओं से
पुरस्कृत/सम्मानित।
रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’—इनका जन्म 19 मार्च 1949 को उत्तर प्रदेश के हरिपुर (जिला सहारनपुर) में हुआ। असभ्य नगर एवं
अन्य लघुकथाएँ (लघुकथा-संग्रह), तीन कविता-संग्रह, एक हाइकू-संग्रह, एक लघु उपन्यास, एक ताँका-संग्रह, एक व्यंग्य-संग्रह, एक व्याकरण तथा बाल साहित्य की कई पुस्तकें प्रकाशित,
अनेक पुस्तकों का सम्पादन कर चुके हैं।
केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त। लघुकथा की वेब-पत्रिका
‘लघुकथा डाॅट काॅम’ का कई वर्षों से संपादन कर रहे हैं।
मधुकांत—11 अक्टूबर 1949 को हापुड़ (उ.प्र.) में जन्म। गाँव की
ओर/दूसरा निश्चय (उपन्यास), एक टुकड़ा रोटी,
विद्यासागर जिंदा है,
वी.सी.आर. बीमार है (कहानी संग्रह),
अध्यापक जीवन की कहानियाँ (सम्पादित
कहानी संकलन), तरकश (लघुकथा संग्रह),
तनी हुई मुट्ठियाँ (सम्पादित
लघुकथा-संकलन), लघुकथा के अन्य संग्रहों सहित अब तक
सत्तर से अधिक पुस्तकें प्रकाशित। रक्तदान पर
विशेष कार्य, रक्तदान प्रणेता। हरियाणा साहित्य
अकादमी द्वारा पुरस्कृत।
जगदीश कश्यप— समकालीन हिन्दी लघुकथा के अद्भुत
हस्ताक्षर। 01 दिसंबर 1949 को गाजियाबाद में जन्म। लघुकथा की
महत्वपूर्ण पत्रिका ‘मिनीयुग’ का संपादन। ‘कोहरे से गुजरते हुए’ एकल संग्रह। छोटी-बड़ी
बातें (महावीरप्रसाद जैन के साथ, 1978), विरासत तथा ‘बीसवीं सदी की चर्चित हिन्दी लघुकथाएँ’(मृत्योपरांत)
संपादित संकलन प्रकाशित। लघुकथा-केन्द्रित अनियतकालीन पत्रिका ‘मिनीयुग’ का 1973 से सम्पादन-प्रकाशन। ग्रहण पत्रिका का लघुकथा-पुरस्कार (1984)। 16 अगस्त
2004 को गाजियाबाद में देहावसान।
श्याम सुन्दर अग्रवाल—08 फरवरी, 1950 को
कोट कपूरा (पंजाब) में। बेटी का हिस्सा (हिन्दी लघुकथा-संग्रह),
नंगे लोकाँ दा फिक्र,
मरुथल के वासी (मौलिक लघुकथा-संग्रह,
पंजाबी में)। अनुवाद: चार
लघुकथा-संग्रह (हिन्दी से पंजाबी में)। सम्पादित : 27 लघुकथा-संग्रह (हिन्दी तथा पंजाबी में)। पंजाबी त्रौमासिक ‘मिन्नी’
का 1988 से लगातार सम्पादन।
मधुदीप—01 मई 1950 को हरियाणा के ग्राम दुजाना में
जन्म। एक यात्रा अन्तहीन,
उजाले की ओर,
और भोर भई,
पराभव, लौटने तक, कल की बातन (सभी उपन्यास), छोटा होता आदमी (कहानी-संग्रह), तीसरा महायुद्ध, आसार, एक कदम और (सम्पादित कहानी-संकलन),
तनी हुई मुट्ठियाँ,
पड़ाव और पड़ताल (सम्पादित लघुकथा-संकलन),
मेरी बात तेरी बात,
समय का पहिया (लघुकथा-संग्रह), ऐसे बनो बहादुर (बाल उपन्यास) प्रकाशित। लघुकथा संकलन की महत्वपूर्ण
शृंखला ‘पड़ाव और पड़ताल’ के संयोजक/सम्पादक तथा दिशा प्रकाशन के संचालक-प्रबंधक।
विष्णु नागर—14 जून 1950 को इंदौर में जन्म। इन्होंने साहित्य की लगभग सभी विधाओं में लेखन
किया है। व्यंग्य पर गहरी पकड़। एक ही पात्रा अथवा स्थिति को लेकर शृंखलाबद्ध
लघुकथाओं के लेखन में सिद्धहस्त। लघुकथा संग्रह ‘ईश्वर की कहानियाँ’ तथा ‘बच्चा और
गेंद’ प्रकाशित। इनके अतिरिक्त 5
काव्य संग्रह, 5 कथा संग्रह,
3 लेख व निबंध संग्रह,
5 व्यंग्य संग्रह,
1 उपन्यास आदि अनेक मौलिक व संपादित
कृतियाँ प्रकाशित। कथा, कविता व समग्र लेखन के लिए अनेक बार
सम्मानित। संप्रति दैनिक समाचार पत्रा ‘नई दुनिया’ के दिल्ली संस्करण में
संपादन-कार्य।
बलराम—उत्तर प्रदेश के जिला कानुपर के गाँव भाऊपुर बिठूर में 15 नवम्बर, 1951 को जन्म। शिक्षाकाल में ही वह पत्राकारिता से
जुड़ गए थे शायद इसीलिए कुछ लघुकथाओं में उनकी भाषा व शिल्प पर रिपोर्टिंग की भाषा
व शिल्प का प्रभाव स्पष्ट नजर आता है। इनके संपादन में प्रकाशित ‘काफिला’,
‘कथानामा’ (भाग एक व दो),
हिन्दी लघुकथा कोश,
भारतीय लघुकथा कोश (भाग एक व दो),
विश्व लघुकथा कोश (भाग एक,
दो, तीन व चार) तथा मानक हिन्दी लघुकथा कोश (भाग एक व दो) लघुकथा जगत की
बड़ी उपलब्धियाँ हैं।
रामकुमार घोटड़—राजस्थान के गाँव भैंसली,
जिला चुरू में 2 दिसम्बर,
1951 को जन्म। तिनके-तिनके, प्रेरणा, क्रमशः, रूबरू, आधी दुनिया की लघुकथाएँ, मेरी श्रेष्ठ लघुकथाएँ,
संसारनामा (सभी एकल लघुकथा-संग्रह),
थारी-महारी बाताँ (राजस्थानी में एकल लघुकथा-संग्रह),
अँधेरों की झलक,
लीक से हटकर (कहानी-संग्रह),
एक
व्यंग्य-संग्रह के अतिरिक्त अनेक लघुकथा-संकलन सम्पादित/प्रकाशित,
कुछ बाल साहित्य की पुस्तकें भी
प्रकाशित। लघुकथाओं पर चार एम.फिल. तथा एक पीएच.डी. के लिए शोधकार्य। अनेक
संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत/सम्मानित।
माधव नागदा—20 दिसम्बर,
1951 को राजस्थान के नाथद्वारा में जन्म।
कहानी-संग्रह: उसका दर्द, शापमुक्ति,
अकाल और खुशबू,
परिणिति तथा अन्य कहानियाँ,
उजास (राजस्थानी में),
डायरी: फिर कभी बतलाएँगेे,
सोने के पाँखोंवाली तितलियाँ
(राजस्थानी में), लघुकथा-संग्रह: आग,
अपना-अपना आकाश। सम्पादित लघुकथा-संकलन: पहचान। राजस्थान
साहित्य अकादमी द्वारा ‘उसका दर्द’ कहानी-संग्रह पर सुमनेश जोशी पुरस्कार,
राष्ट्रीय हिन्दीसेवी सहòाब्दी सम्मान,
राजस्थान पत्रिका सृजनात्मक पुरस्कार,
साकेत साहित्य सम्मान,
राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति
अकादमी द्वारा शिवचन्द्र भरतिया सम्मान।
कमलेश भारतीय—पंजाब के होशियारपुर जिले में 17 जनवरी, 1952 को जन्मे कमलेश भारतीय हिन्दी समाचार पत्रा
‘दैनिक ट्रिब्यून’ से जुड़े पत्राकार हैं। उन्होंने अनेक विधाओं में लेखन किया है
और अपने लेखन के प्रारम्भ से ही लघुकथा से जुड़े रहे हैं। अन्य कृतियों के अतिरिक्त
उनके तीन लघुकथा-संग्रह ‘मस्तराम जिन्दाबाद’, ‘इस बार’ तथा ‘ऐसे थे तुम’ भी प्रकाशित हो चुके हैं। लघुकथा में
‘कमलेश भारतीय ने लोककथा शैली का भी काफी प्रयोग किया और अपने इन प्रयोगों में वे
सफल भी हुए हैं...।’
शकुन्तला किरण— मूल नाम शकुन्तला अग्रवाल। 7
फरवरी 1952 को अजमेर ‘हिन्दी लघुकथा’ विषय पर देश क्या,
विश्वभर में शोध हेतु पंजीकृत होने तथा
शोधोपाधि (पीएच॰ डी॰) प्राप्त करने वाली पहली नागरिक। अनेक महत्वपूर्ण लघुकथाओं के अलावा दो सौ
से अधिक लेख, कहानियाँ,
कविताएँ-गीत-गजल आदि विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं,
विशेषांकों,
संकलनों व कोशों में प्रकाशित। आलोचना
पुस्तक ‘हिन्दी लघुकथा’ तथा काव्य संग्रह ‘अहसासों के अक्स’ प्रकाशित। राजस्थानी
व्रत-त्योहार सम्बन्धी लोक-कथाओं का सांस्कृतिक मूल्यांकन (शोधपरक दृष्टि)।
सम्पादन सहयोग : न्यू लाइट, प्रज्ञा, देह से अदेह। कहानियाँ, गीत व कविताएँ देश की प्रमुख पत्रा-पत्रिकाओं में प्रकाशित व आकाशवाणी
से प्रसारित, राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों में
सक्रिय भागीदारी के उपरान्त अध्यात्म की ओर अग्रसर। निदेशिका,
मित्तल हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर,
अजमेर।
मोहन राजेश— 12 अप्रैल 1952 को ब्यावर (अजमेर) राजस्थान में।
समकालीन
लघुकथा की पहली पीढ़ी के सम्मान्य
हस्ताक्षर। 1968 से 1976 तक विभिन्न
पत्रा-पत्रिकाओं के सम्पादन से सम्बद्ध,
1977 से 1983 तक शासकीय महाविद्यालयों में प्राध्यापक,
उसके बाद राजस्थान पत्रिका व टी.वी. से
सम्बद्ध। अब तक 200 लघुकथाएँ,
50 कहानियाँ व 50 कविताएँ प्रकाशित।
रमेश बतरा— आठवें दशक के अग्रणी लघुकथा-लेखकों में रमेश बतरा एक थे। उनका जन्म 23 नवम्बर, 1952 को
जालन्धर (पंजाब) में हुआ था। वे लघुकथा के प्रबल पक्षधर थे और उसके बारे
में गहन चिन्तन भी करते थे। लघुकथा की आवश्यकता के सम्बन्ध में उनका कहना था कि— ‘मनुष्य का स्वभाव रहा है कि वह अपनी
बात कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक आकर्षक ढंग से कहे।...जीवन जितना तीव्रतर
होता जा रहा है, उतना ही यह अधिकाधिक फैक्टर्ज़ में बंट
रहा है और निश्चित रूप से जीवन के ये लघुतम टुकड़े ही अपने अहसासों के तहत लघुकथा
को जन्म देते हैं। इस प्रक्रिया की प्रत्येक मनःस्थिति को तीर की तरह जितना लघुकथा
में झोंका जा सकता है, उतना कहानी में नहीं।’ ‘तारिका’ तथा
‘साहित्य निर्झर’ के लघुकथा विशेषांकों का सम्पादन कर आठवें दशक में लघुकथा की
स्थापना के लिए महती कार्य किया। सारिका, रविवार्ता तथा संडे मेल में सहायक/उपसम्पादक के रूप में कार्य किया।
‘समग्र’ के लघुकथा विशेषांक के प्रकाशन की योजना के पीछे भी वही थे। नंग-मनंग,
पीढ़ियों का खून,
फाटक (सभी कहानी-संग्रह),
बन्दीवान (अनुवाद : फखर जमान का उपन्यास)। 15 मार्च, 1999 को दिल्ली में देहावसान।
शेष आगामी अंक में…
हिन्दी लघुकथा का मनोविज्ञान लेखक : बलराम अग्रवाल प्रकाशक : राही प्रकाशन, एल-45, गली नं॰ 5, करतार नगर, दिल्ली-110053 ई-मेल : rahiprakashan@gmail.com
2 टिप्पणियां:
बहुत आभार बन्धुवर।
कुछ आलोचक यह अध्याय लिखते तो असगर वज़ाहत के अलावा सभी नाम उड़ा देते।
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