गुरुवार, 5 अगस्त 2021

लगुकथा-विशेषांक-2021/योगराज प्रभाकर (सं.)

लघुकथा कलश     आलेख महाविशेषांक-2 

वर्ष 4 अंक: 7  जनवरी-जून 2021 मूल्य: ₹500/

संपादकीय (सातवाँ पग)

चिंतन विविधा

● समकालीन लघुकथा में संघर्ष चेतना (कमल चोपड़ा)

● लघुकथा और फटेसी (कुमारसंभव जोशी)

• सार्वभौमिक लघुकथाएँ (चंद्रेश कुमार छतलानी) • पौराणिक काल पर आधारित आधुनिक संदर्भ की लघुकथाएँ (मालती वसंत)

प्रांत विविधा

● उत्तराखंड के हिंदी लघुकथाकारों की लघुकथाओं में समाज-संस्कृति (खेमकरण 'सोमन')

• लघुकथा की कहानी महाराष्ट्र के लघुकथाकारों की जुबानी (हेमलता मिश्र 'मानवी')

• लघुकथा में हिमाचल (रतन चंद 'रत्नेश')

विमर्श विविधा

• अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक दृष्टिकोण और हमारी लघुकथाएँ (अंतरा करवड़े)

● लघुकथा में नवीन विषयों की आवश्यकता (नीरज सुधांशु).

● समकालीन साहित्य में लघुकथा (रेखा लोढ़ा).

• लघुकथा में भाषाई सौंदर्य (संतोष सुपेकर)

• नवागत लघुकथाकारों की पीठ पर भ्रमों की पोटली ( सविता इंद्र गुप्ता)

• रचनात्मकता में आए बदलाव ही सृजन की दिशा तय करते हैं (सूर्यकांत नागर).

भाषा विविधा

● लघुकथा विधा के प्रति आस्था और विश्वास का पर्याय सिंधी लघुकथा (हूंदराज बलवाणी)

• पंजाबी लघुकथा के प्रमुख हस्ताक्षर (जगदीश राय कुलरियाँ)

व्यक्तित्व विविधा

● अनेक कालजयी लघुकथाओं के सर्जक: अशोक लव (अनिल शूर 'आज़ाद')

• डॉ. जसबीर चावला का व्यक्तित्व एवं कृतित्व (धर्मेंद्र कुमार राठवा)

• खिड़कियों से झाँकता लेखक : दीपक मशाल (खेमकरण 'सोमन)

• पारस दासोतः विषय वैविध्य के अन्वेषी लघुकथाकार (पुरुषोत्तम दुखे)

● मार्टिन जॉन की लघुकथाओं में शिल्प प्रयोग का तात्त्विक अभिव्यंजन (पुरुषोत्तम दुबे)

● लघुकथा के सौम्य सत्याग्रही डॉ. योगेंद्रनाथ शुक्ल (पुष्पेंद्र दुबे) 

● डॉ. राजकुमार निजात की लघुकथाओं में मानवीय संवेदनाएँ (आशा खत्री 'लता')

● 'स्व' की अनुभूति से 'सर्व' को अभिभूत करने वाले रचनाकार रामकुमार आत्रेय (राधेश्याम भारतीय) 

● लघुकथा के कुरुक्षेत्र में डॉ. रामकुमार घोटड़ का योगदान (भगीरथ परिहार).

● जन-जन के कुशलचितेरे डॉ रामनिवास मानव (सत्यवीर मानव) 

● लघुकथा के प्रौढ़ शिल्पी रूप देवगुण (ज्ञानप्रकाश 'पीयूष')

• लघुकथा के विकास में सतीशराज पुष्करणा का अवदान (अनिता राकेश)

● हिंदी लघुकथा के विकास में सुकेश साहनी का योगदान (सतीशराज पुष्करणा).

साक्षात्कार

● कोई भी लेखक अपने समय से कटकर जिंदा नहीं रह सकता (मिथिलेश दीक्षित की मधुदीप से वार्ता )

• लघुकथाओं में 'सत्यम् शिवम् सुन्दरम' का सनातन रूप दृष्टिगोचर होना चाहिए (प्रताप सिंह सोढ़ी की डॉ पुरुषोत्तम दुबे के लघुकथा में अवदान पर वार्ता)


संस्थान / शहर / प्रकाशन विविधा

● लघुकथा की संस्कारधानी: जबलपुर (कुँवर प्रेमिल )

● मील के पत्थर स्थापित करती पत्रिका: अविराम साहित्यिकी (ज्योत्सना कपिल)

● लघुकथा के विकास में अखिल भारतीय प्रगतिशील लघुकथा मंच' की भूमिका (ध्रुव कुमार)

● लघुकथा के विकास में 'कथादेश' पत्रिका का योगदान (नितिन सेठी).

● राष्ट्रीय फलक पर लघुकथा नगर सिरसा (शील कौशिक).

संस्मरण

एक नया अध्याय (सुधा भार्गव)

अमूल्य धरोहर

● हिंदी लघुकथा की अमूल्य धरोहर- 'राही': लघुकथा-आलेख अंक

पुस्तक समीक्षा

• महानगर के लघुकथाकारों की श्रेष्ठ लघुकथाएँ (कैलाश विद्यालंकार)..

प्राप्त पुस्तकें

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